श्री इमरान ईरान से फेसबुक मैसेज के जरिये लिखते है आप हम जैसे लोगों को विदेश में रहकर भी देश का एहसास करा रहे है | जब जब अपने गाँव की याद आती है बस कम्प्यूटर खोल कर देख लेते हैं | अपने गाँव के बारे में कुछ पढ़ सुन कर दिल को बहुत सुकून मिलता है |
हिन्दी ब्लाग-जगत में आपके नव-आगमन का स्वागत है, उम्मीद है आप शीघ्र ही सफलता के नये सोपानों का स्पर्श करते हुए अपने इस ब्लाग को सफलता के उच्च शिखर पर स्थापित कर सकेंगे । शुभकामनाओं सहित... इन्सानियत की श्रेष्ठतम मिसाल- देखिये लघु संस्मरण "प्रेरक प्रसंग- दरियादिली" www.najariya.blogspot.com 'नजरिया' और हाँ यदि आपको ये ब्लाग पसन्द आवे तो कृपया समर्थक सूचि में शामिल होकर इसे अपना समर्थन अवश्य प्रदान करें ।
swagat hai aapka.
ReplyDeleteविदेश में रहकर ही देश की कीमत पता लगती है...
ReplyDeletehttp://veenakesur.blogspot.com/
विदेश में रहकर ही देश की कीमत पता लगती है|
ReplyDeleteहिन्दी ब्लाग-जगत में आपके नव-आगमन का स्वागत है, उम्मीद है आप शीघ्र ही सफलता के नये सोपानों का स्पर्श करते हुए अपने इस ब्लाग को सफलता के उच्च शिखर पर स्थापित कर सकेंगे । शुभकामनाओं सहित...
ReplyDeleteइन्सानियत की श्रेष्ठतम मिसाल- देखिये लघु संस्मरण "प्रेरक प्रसंग- दरियादिली"
www.najariya.blogspot.com 'नजरिया'
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