Sunday, December 5, 2010

ईरान से इमरान सोलंकी

श्री इमरान ईरान से फेसबुक मैसेज के जरिये लिखते है आप हम जैसे लोगों को विदेश में रहकर भी देश का एहसास करा रहे है | जब जब अपने गाँव की याद आती है बस कम्प्यूटर खोल कर देख लेते हैं | अपने गाँव के बारे में कुछ पढ़ सुन कर दिल को बहुत सुकून मिलता है |

4 comments:

  1. विदेश में रहकर ही देश की कीमत पता लगती है...

    http://veenakesur.blogspot.com/

    ReplyDelete
  2. विदेश में रहकर ही देश की कीमत पता लगती है|

    ReplyDelete
  3. हिन्दी ब्लाग-जगत में आपके नव-आगमन का स्वागत है, उम्मीद है आप शीघ्र ही सफलता के नये सोपानों का स्पर्श करते हुए अपने इस ब्लाग को सफलता के उच्च शिखर पर स्थापित कर सकेंगे । शुभकामनाओं सहित...
    इन्सानियत की श्रेष्ठतम मिसाल- देखिये लघु संस्मरण "प्रेरक प्रसंग- दरियादिली"
    www.najariya.blogspot.com 'नजरिया'
    और हाँ यदि आपको ये ब्लाग पसन्द आवे तो कृपया समर्थक सूचि में शामिल होकर इसे अपना समर्थन अवश्य प्रदान करें ।

    ReplyDelete